
देहरादून के क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रह रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों और एक भारतीय महिला को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में चार नाबालिग बच्चों को भी पुलिस ने संरक्षण में लिया है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि क्लेमेंटटाउन इलाके में कुछ लोग अवैध रूप से रह रहे हैं।छापेमारी के दौरान, पुलिस ने सात वयस्कों और चार बच्चों को हिरासत में लिया।गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान निर्मल राय, शेम राय, लिपि राय, कृष्णा उर्फ संतोष और मुनीर चंद्र राय के रूप में हुई है।इनके साथ भारतीय महिला पूजा रानी भी रह रही थी, जिसे इन बांग्लादेशियों को शरण देने और सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।पूछताछ में सामने आया कि ये सभी बांग्लादेशी नागरिक बिना किसी वैध पासपोर्ट या वीजा के अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।पुलिस ने छापेमारी के दौरान मुनीर चंद्र राय के पास से बिहार के पटना और पश्चिम बंगाल के नाम से बने दो फर्जी आधार कार्ड बरामद किए हैं। कृष्णा उर्फ संतोष और निर्मल राय के पास बांग्लादेशी पहचान पत्र भी मिले हैं

पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ थाना क्लेमेंटटाउन में पासपोर्ट अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।इस पूरे मामले की जांच के लिए मिलिट्री इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और एलआईयू की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया है।पूछताछ से यह भी पता चला है कि भारतीय मूल की पूजा रानी ने बांग्लादेश के मुनीर चंद्र से शादी की है।शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि मुनीर 14 साल पहले अपने मामा के घर कल्याणगंज आया था, फिर नोएडा में काम किया और भारतीय महिला से शादी की। वह 2016 में झज्जर में ईंट भट्ठे पर भी काम कर चुका है और 2023 में फिर भारत आया था।यह गिरफ्तारी उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे सत्यापन अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है। हाल ही में मथुरा और हरियाणा में भी ऐसे कई बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए हैं।
