पहले टेस्ट क्रिकेट मैच गवांने के बाद बर्मिंघम,दूसरे टेस्ट क्रिकेट मे भारत की इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत, प्रोबैट्समैन शुभमम गिल को कप्तान के रूप मे एक नया सितारा व खोज कह सकते हैं। गिल का कूल व स्माइलिंग फेस उसके इंटेलीजेंट क्रिकेट की तरह अलग पहचान देता है। कम उम्र मे कप्तान बनने व इतनी आलोचनाओं के बावजूद उसका संयम, इतनी संतुलित व बेहतरीन बैटिंग सबको हैरान कर देती है। आकाशदीप व सिराज की बेहतरीन गेंदबाजी ने इंग्लैंड को अवश्य चौंकाया। जिस गेंद मे एंडी रुट को आकाशदीप ने बोल्ड मारा वह बॉल किसी भी सर्वश्रेष्ठ बैट्समैन को आउट करने मे सक्षम थी। एक बॉलर के लिए व ड्रीम बॉल है।
हालाँकि एक दृश्य दिल को थोड़ा खटका, जब आकाशदीप पांच विकेट लेने के बाद बुमराह के पास गए, तो उनकी प्रतिक्रिया उम्मीद से कमजोर लगी। एक लीजेंड गेंदबाज़ से युवा खिलाड़ी को एक प्रेरणादायक प्रतिक्रिया मिलती तो शायद उसका आत्मविश्वास और ऊँचा जाता। क्रिकेट सिर्फ स्कोर नहीं, टीम भावना का खेल भी है।
इस टेस्ट मैच मे दोनों स्पिनर विफल रहे हालांकि एक ऑल राउंडर के रूप मे जडेजा ने बैटिंग मे अच्छा योगदान दिया। अब तीसरे टेस्ट मे स्पिनर कुलदीप को मौका मिलना ही चाहिए।
लीजेंड क्रिकेटर विराट कोहली, श्रेयस अय्यर व मुहम्मद शमी, इस टीम मे होते तो इंग्लैंड के ऊपर एक अलग दबाव रहता। तीसरे टेस्ट मे इंग्लैंड टीम जबरदस्त पलटवार करेगी । एक प्रश्न BCCI से हमेशा रहेगा – एक तेज गेंदबाज के रूप मे जेम्स एंडरसन ने 42 की उम्र तक इंग्लिश टीम के लिए खेला, फिर कोहली जैसे 36 साल के fittest बैट्समैन को सन्यास लेने के लिए क्यों मजबूर किया गया? गंभीर जैसे कोच बहुतेरे मिल जाएंगे लेकिन दूसरा कोहली कहां से लाओगे। अगर ऑस्ट्रेलिया या न्यूजीलैंड मे किसी प्लेयर को इस तरह बाहर किया जाता तो वहां के पीoएमo उस खिलाड़ी को पुनः टीम मे आने के लिए बात करते। क्या इंडिया मे ऐसा हो सकता है?
लेख हेतु विशेष आभार
प्रो0 एस0 सिंह,