बद्रीनाथ हाईवे पर रेड अलर्ट जारी, भूस्खलन सेबाल-बाल बचे लोग

जोशीमठ, उत्तराखंड: सोमवार सुबह बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-58) पर लामबगड़ और हाथी पहाड़ के बीच भारी भूस्खलन होने से हड़कंप मच गया। पहाड़ी से अचानक भारी मलबा और बोल्डर गिरने लगे, जिससे वहां से गुजर रहे कई वाहन बाल-बाल बच गए। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन सड़क पर भारी मात्रा में मलबा जमा होने से बद्रीनाथ यात्रा मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से आवाजाही रोक दी है और यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी है।

घटना का विवरण: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह लगभग 8:30 बजे लामबगड़ और हाथी पहाड़ के संवेदनशील क्षेत्र में पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर आ गिरा। मलबे में बड़े-बड़े पत्थर और मिट्टी शामिल थी। घटना के समय कुछ वाहन पहाड़ी के करीब से गुजर रहे थे, लेकिन चालकों की सूझबूझ और भाग्यवश वे समय रहते अपने वाहनों को पीछे हटाने में सफल रहे। भूस्खलन के बाद धूल का गुबार छा गया और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
बचाव और राहत कार्य: सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं। सीमा सड़क संगठन (BRO) की मशीनरी को भी तुरंत बुलाया गया है और मलबे को हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। हालांकि, लगातार गिरते पत्थरों और बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए मलबा हटाने का काम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है और उनसे धैर्य बनाए रखने की अपील की है।
आवाजाही पूरी तरह से ठप: भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। बद्रीनाथ धाम जा रहे और वहां से लौट रहे सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं। प्रशासन ने गोविन्दघाट, जोशीमठ और पांडुकेश्वर जैसे प्रमुख पड़ावों पर यात्रियों को रोक दिया है। स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें यात्रियों की मदद कर रही हैं और उन्हें भोजन व पानी उपलब्ध करा रही हैं।
आज के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी: मौसम विभाग ने आज, 30 जून 2025 के लिए उत्तराखंड के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। चमोली जिले, जिसमें बद्रीनाथ मार्ग भी शामिल है, को विशेष रूप से अलर्ट पर रखा गया है। लगातार बारिश से भूस्खलन और चट्टान गिरने की घटनाओं में और वृद्धि होने की आशंका है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ सकती है।
यात्रियों के लिए सलाह: जिला प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी लिए बिना यात्रा न करें। अत्यंत आवश्यक न होने पर पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा टाल दें। यदि यात्रा पर हैं, तो प्रशासन और पुलिस द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रुकें। किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। यह घटना एक बार फिर मानसून के दौरान उत्तराखंड में यात्रा के खतरों को उजागर करती है। प्रशासन और यात्रियों दोनों को सतर्क रहने और सुरक्षा उपायों का पालन करने की आवश्यकता है।
