उत्तराखंड की संस्कृति का महाकुंभ: ऐतिहासिक गोचर मेला
उत्तराखंड की देवभूमि में, चमोली जिले के गोचर में, अलकनंदा नदी के तट पर आज से ऐतिहासिक गोचर मेला का भव्य शुभारंभ हो गया है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर…
उत्तराखंड की देवभूमि में, चमोली जिले के गोचर में, अलकनंदा नदी के तट पर आज से ऐतिहासिक गोचर मेला का भव्य शुभारंभ हो गया है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर…
कभी उत्तराखंड के हर गाँव की पहचान रही जांदरे की घरघराहट अब धीरे-धीरे इतिहास के पन्नों में सिमटती जा रही है। पत्थर की यह पारंपरिक चक्की, जिसने सदियों तक पहाड़ी…
उत्तराखंड, जहां एक ओर देश-दुनिया में महाभारत के प्रसंगों का मंचन एक कला और प्रदर्शन के रूप में किया जाता है, वहीं देवभूमि उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सदियों पुरानी…
ढोल सागर उत्तराखंड की पारम्परिक मौखिक ग्रंथ परंपरा का हिस्सा है। यह कोई लिखित ग्रंथ नहीं है, बल्कि लोक में पीढ़ी-दर-पीढ़ी ढोल-दमाऊं बजाने वाले औजी और ढोकी समुदाय द्वारा याद…
शक्ति, आस्था और सम्मान का ताना-बाना है उच्याणा। मानव जीवन में हर दिन समस्याओं से जूझना एक आम बात है। हर आदमी, हर परिवार किसी न किसी समस्या से जूझता…
अनुसूया देवी मंदिर: एक संक्षिप्त परिचय अनुसूया देवी मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में गोपेश्वर-चोपटा मोटर मार्ग पर मंडल गांव के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर…
पिथौरागढ़ किला, जिसे गोरखा किला और लंदन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, पिथौरागढ़ शहर की सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। यह किला एक…
उत्तराखंड के हनोल में स्थित महासू देवता का मंदिर एक प्राचीन और पूजनीय स्थल है, जिसकी मान्यताएँ और कहानियाँ सदियों पुरानी हैं। यह मंदिर जौनसार-बावर क्षेत्र की संस्कृति और आस्था…
लक्ष्मण झूला ऋषिकेश का एक बहुत ही प्रसिद्ध और ऐतिहासिक पुल है, जो गंगा नदी पर बना हुआ है. यहाँ उसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:…
ढोल दमाऊ: उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र उत्तराखंड की संस्कृति में ढोल दमाऊ का एक विशेष स्थान है। ये न केवल वाद्य यंत्र हैं, बल्कि ये इस क्षेत्र के सामाजिक,…