ढोल सागर का महत्व
ढोल सागर उत्तराखंड की पारम्परिक मौखिक ग्रंथ परंपरा का हिस्सा है। यह कोई लिखित ग्रंथ नहीं है, बल्कि लोक में पीढ़ी-दर-पीढ़ी ढोल-दमाऊं बजाने वाले औजी और ढोकी समुदाय द्वारा याद…
ढोल सागर उत्तराखंड की पारम्परिक मौखिक ग्रंथ परंपरा का हिस्सा है। यह कोई लिखित ग्रंथ नहीं है, बल्कि लोक में पीढ़ी-दर-पीढ़ी ढोल-दमाऊं बजाने वाले औजी और ढोकी समुदाय द्वारा याद…
शक्ति, आस्था और सम्मान का ताना-बाना है उच्याणा। मानव जीवन में हर दिन समस्याओं से जूझना एक आम बात है। हर आदमी, हर परिवार किसी न किसी समस्या से जूझता…
अनुसूया देवी मंदिर: एक संक्षिप्त परिचय अनुसूया देवी मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में गोपेश्वर-चोपटा मोटर मार्ग पर मंडल गांव के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर…
पिथौरागढ़ किला, जिसे गोरखा किला और लंदन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, पिथौरागढ़ शहर की सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। यह किला एक…
उत्तराखंड के हनोल में स्थित महासू देवता का मंदिर एक प्राचीन और पूजनीय स्थल है, जिसकी मान्यताएँ और कहानियाँ सदियों पुरानी हैं। यह मंदिर जौनसार-बावर क्षेत्र की संस्कृति और आस्था…
लक्ष्मण झूला ऋषिकेश का एक बहुत ही प्रसिद्ध और ऐतिहासिक पुल है, जो गंगा नदी पर बना हुआ है. यहाँ उसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:…
ढोल दमाऊ: उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र उत्तराखंड की संस्कृति में ढोल दमाऊ का एक विशेष स्थान है। ये न केवल वाद्य यंत्र हैं, बल्कि ये इस क्षेत्र के सामाजिक,…
खैट पर्वत (जिसे खेत पर्वत भी कहा जाता है) उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के टिहरी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध और रहस्यमयी पर्वत है. यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और लोककथाओं…
देवी मंदिर उत्तराखंड के सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक है, जो श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच, पवित्र अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर न केवल अपनी…
उत्तराखंड का हरेला पर्व एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक त्योहार है, जो मुख्य रूप से हरियाली और कृषि से जुड़ा है। यह वर्षा ऋतु (मानसून) के आगमन का प्रतीक है और…