बेनीताल उत्तराखंड के चमोली जिले में कर्णप्रयाग प्रखंड में स्थित एक बेहद खूबसूरत और शांत जगह है। इसे “भारत का पहला खगोल गाँव (Astro Village)” के रूप में विकसित किया जा रहा है, क्योंकि यहां का आसमान बेहद साफ और प्रदूषण रहित है, जो तारों और ग्रहों को निहारने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।

बेनीताल की विशेषताएँ
- खगोल पर्यटन (Astro-tourism): बेनीताल की सबसे बड़ी खासियत इसका खगोल-गांव के रूप में विकसित होना है। यहां वायु और प्रकाश प्रदूषण बहुत कम है, जिससे रात में आसमान में तारे और आकाशगंगा साफ दिखाई देती है। पर्यटकों को तारों को निहारने, खगोल फोटोग्राफी और सौर अवलोकन का अनोखा अनुभव मिलता है। यहां टेलिस्कोप भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि ब्रह्मांड को करीब से देखा जा सके।

- प्राकृतिक सौंदर्य: यह स्थान हरे-भरे बुग्यालों (उच्च ऊंचाई वाले घास के मैदान) और एक खूबसूरत ताल (झील) से घिरा हुआ है। चारों तरफ से देवदार के वृक्ष और बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का नज़ारा बेहद मनमोहक होता है। बारिश के मौसम में इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है।
- शांत और सुकून भरा वातावरण: शहरी शोर-शराबे से दूर, बेनीताल एक शांत और सुकून भरा माहौल प्रदान करता है। यहां आप प्रकृति की गोद में आराम कर सकते हैं और पहाड़ों की शांति का अनुभव कर सकते हैं।
- ऐतिहासिक महत्व: बेनीताल का एक ऐतिहासिक महत्व भी है। उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए इसी बेनीताल में बाबा मोहन उत्तराखंडी ने आमरण अनशन किया था। उनकी स्मृति में यहां एक जनस्मारक भी बना हुआ है।
बेनीताल कैसे पहुँचे?
- सड़क मार्ग: बेनीताल उत्तराखंड के चमोली जिले में कर्णप्रयाग से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कर्णप्रयाग से नेनीताल की ओर जाने वाली सिमली-रतूड़ा मार्ग से आप बेनीताल पहुंच सकते हैं। ऋषिकेश से श्रीनगर होते हुए कर्णप्रयाग तक लगभग 172 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। आप निजी टैक्सी या अपने वाहन से यहां जा सकते हैं।
- निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून।
- निकटतम रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश।
बेनीताल में करने योग्य गतिविधियाँ
- स्टारगेजिंग और एस्ट्रो-फोटोग्राफी: यह बेनीताल की प्रमुख गतिविधि है। रात में साफ आसमान में तारे, ग्रह और आकाशगंगा को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
- ट्रेकिंग और हाइकिंग: बेनीताल में कई ट्रेकिंग और हाइकिंग ट्रेल्स हैं, जो हर स्तर के अनुभव के लिए उपयुक्त हैं। बेनीताल से नंदीकुंड ट्रेक काफी लोकप्रिय है, जो हरे-भरे जंगलों और खूबसूरत गांवों से होकर गुजरता है।
- कैंपिंग: बेनीताल कैंपिंग के लिए एक बेहतरीन जगह है। आप यहां रात में तारों के नीचे कैंपिंग का आनंद ले सकते हैं।
- प्रकृति का आनंद: यहां आप शांत वातावरण में टहल सकते हैं, ताज़ी हवा का अनुभव कर सकते हैं और आसपास के सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

बेनीताल जाने का सबसे अच्छा समय
बेनीताल जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जुलाई के बीच और सितंबर से नवंबर के बीच होता है। सर्दियों में (दिसंबर-जनवरी) यहां अच्छी बर्फबारी होती है, जो बर्फ प्रेमियों के लिए एक अलग अनुभव हो सकता है, लेकिन तापमान काफी गिर जाता है। मॉनसून में (जुलाई-अगस्त) यहां की सुंदरता और बढ़ जाती है, लेकिन भूस्खलन का खतरा भी रहता है।
संरक्षण संबंधी चिंताएँ
हाल के वर्षों में बेनीताल झील के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, जिसका कारण अनियंत्रित मानवीय गतिविधियां और झील के जलग्रहण क्षेत्र में प्रदूषण है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने झील के संरक्षण के लिए कई निर्देश दिए हैं, जिनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जलग्रहण क्षेत्र के संरक्षण पर ध्यान देना शामिल है।
बेनीताल उन लोगों के लिए एक आदर्श गंतव्य है जो प्रकृति, शांति और खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ आप शहर की भागदौड़ से दूर प्रकृति के करीब समय बिता सकते हैं।

