क्या हैं “पाथा” और “सेर” ?

नाप तोल के वैसे तो एक ही पैमाना होता है हर जगह उसको उसकी की एक भाषा में में पुकारा जाता है जैसे किलोग्राम को हर प्रदेश में किलोग्राम ही बोला जाता है चाहे वो प्रदेश उत्तर प्रदेश हो हिमांचल हो गुजरात हो या केरला परन्तु कुछ विशेष स्थानो पर इसकी माप तोल की हिसाब से इसके तोल के पैमाने और भाषा का स्वरूप बदल जाता है इसी प्रकार से उत्तराखंड के प्रपेक्ष में बात की जाय तो यहाँ नाप तोल के पैमाने की परिभाषा कुछ अलग है इसी के अंतर्गत आते है पाथा और सेर जो अनाज को मापने के विशेष पात्र हैं।

एक खोकले डमरू के आकर का बर्तन जिसे पाथा कहा जाता है यह 2 किलो का पैमाना है आप इस पाथा को पूरा भरते है जिस भी अनाज से वो दो किलो ही होगा , और एक किलो को यहाँ पर एक कुड़ी कहा जाता है तो एक पता 2 कुड़ी (किलोग्राम ) होता होता है। सेर की बात करे तो यह बर्तनं भी आकर में पाथा की तरह ही होता है पर इसकी छमता 500 ग्राम की होती है चार सेर से एक पाठ का निर्माण होता है सीधे शब्दों में सेर आधा किलो की इकाई होती है

अन्य इकाइयों की तालिका इस प्रकार से है

 

परम्परागत प्रणाली

 

आधुनिक प्रणाली

1 मुठ्ठी 62.5 ग्राम
8 मुठ्ठी 1 सेर 500 ग्राम
2 सेर 1 कुड़ी 1 kg
2 कुड़ी 1 पाथा 2 kg
8 पाथा 1 डाल 16 kg
2 डाल 1 दूण 32 kg
20 कुड़ी 1 विशत 20 kg
20 पाथा 1 मण 40 kg
20 दूण 1 खार 640 kg

 

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