उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित चौखंबा चार चोटियों का एक समूह है, जो गंगोत्री समूह का हिस्सा है। इस पर्वतमाला का नाम ‘चौखंबा’ इसलिए पड़ा क्योंकि यह चार मुख्य शिखरों से मिलकर बना है, जिनका आकार एक बड़े चौकोर (चौकोर) ब्लॉक जैसा दिखता है। यह समूह अपने प्रमुख शिखर चौखंबा I के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है, जिसकी ऊंचाई 7,138 मीटर (23,419 फीट) है। यह उत्तराखंड की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है।
मुख्य विशेषताएं
- चार शिखर: चौखंबा I, II, III, और IV
- सबसे ऊंचा शिखर: चौखंबा I (7,138 मीटर)
- स्थान: यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और बद्रीनाथ शहर के पूर्व में पड़ता है।
- पवित्र महत्व: यह पर्वतमाला हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखती है, क्योंकि यह बद्रीनाथ धाम के पास है। इसे ‘भगवान विष्णु के घर’ के रूप में भी जाना जाता है।
- भागीरथी खरक और सतपंथ ग्लेशियर का स्रोत: चौखंबा पर्वतमाला कई ग्लेशियरों का स्रोत है, जिनमें से प्रमुख हैं भागीरथी खरक और सतपंथ ग्लेशियर। ये ग्लेशियर अलकनंदा नदी की सहायक नदियों को पानी देते हैं।
पर्वतारोहण
चौखंबा की चढ़ाई बेहद चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। इसका पहला सफल आरोहण 1952 में फ्रांसीसी पर्वतारोही लियोनेल टेराय और गेस्टोन रेबुफैट ने किया था। यह अपनी खड़ी ढलानों, खतरनाक मौसम और जटिल रास्तों के कारण अनुभवी पर्वतारोहियों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है।
यह पर्वतमाला न केवल अपने भौगोलिक महत्व के लिए बल्कि अपने आध्यात्मिक महत्व और शानदार दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, जो इसे उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाती है।