जोशीमठ का कल्पवृक्ष एक प्राचीन और पवित्र वृक्ष है जो उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ शहर में स्थित है। यह वृक्ष न केवल अपनी विशालता के लिए जाना जाता है, बल्कि धार्मिक और पौराणिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है।
यहाँ जोशीमठ के कल्पवृक्ष के बारे में कुछ मुख्य बातें
- पौराणिक महत्व:
- माना जाता है कि यह वृक्ष हजारों साल पुराना है।
- मान्यता है कि आदि शंकराचार्य ने इस वृक्ष के नीचे तपस्या की थी और ज्ञान प्राप्त किया था।
- इसे पृथ्वी का पारिजात वृक्ष भी माना जाता है।
- यह सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है।
- भौगोलिक स्थिति:
- यह वृक्ष जोशीमठ के ज्योतिर्मठ में स्थित है।
- इस वृक्ष का व्यास 24 मीटर है।
- वर्तमान स्थिति:
- कुछ समय पहले इस वृक्ष के सूखने की अफवाह फैली थी, लेकिन विशेषज्ञों ने इसे निराधार बताया है।
- यह वृक्ष अभी भी हरा-भरा है और सुरक्षित है।
- इस वृक्ष की सुरक्षा के लिए, भारतीय सेना ने इसके चारों ओर एक तार की जाली लगाई है।
जोशीमठ का कल्पवृक्ष एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर है। यह वृक्ष न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि देश भर के श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का केंद्र है।