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1987 विश्व कप: जब क्रिकेट इंग्लैंड से बाहर आया -

चौथा क्रिकेट विश्व कप, जिसे रिलायंस कप 1987 के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक टूर्नामेंट था। यह पहली बार था जब क्रिकेट विश्व कप इंग्लैंड से बाहर आयोजित किया गया था, और इसकी मेजबानी भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से की थी।

यहाँ इस टूर्नामेंट के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी दी गई है:

प्रमुख बातें:

  • मेजबान: भारत और पाकिस्तान
  • अवधि: 8 अक्टूबर से 8 नवंबर 1987
  • फाइनल: कोलकाता के ईडन गार्डन्स में
  • विजेता: ऑस्ट्रेलिया (पहला खिताब)
  • उपविजेता: इंग्लैंड
  • मैचों का प्रारूप: पहली बार ओवरों की संख्या 60 से घटाकर 50 कर दी गई थी, जो आज भी एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI) मैचों का मानक है।
  • कुल टीमें: 8 टीमें थीं, जिन्हें दो ग्रुप में बांटा गया था।
    • ग्रुप ए: भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे
    • ग्रुप बी: पाकिस्तान, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका

टूर्नामेंट का सफर:

  • ग्रुप स्टेज:
    • भारत ने अपने ग्रुप में शानदार प्रदर्शन किया और ग्रुप ए में शीर्ष पर रहा।
    • पाकिस्तान ने भी ग्रुप बी में शीर्ष स्थान हासिल किया।
    • वेस्टइंडीज, जो पहले दो विश्व कप का चैंपियन था, इस बार सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाया।
  • सेमीफाइनल: पहला सेमीफाइनल मुंबई में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया, जिसमें इंग्लैंड ने भारत को 35 रनों से हराया। दूसरा सेमीफाइनल लाहौर में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने मेजबान पाकिस्तान को हराया।
  • फाइनल:

फाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 253 रन बनाए। जवाब में, इंग्लैंड की टीम 50 ओवरों में 246 रन ही बना सकी और 7 रनों से मैच हार गई।यह विश्व कप फाइनल में सबसे करीबी मुकाबलों में से एक था।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ: इस टूर्नामेंट में पहली बार तटस्थ अंपायर (Neutral Umpires) का प्रयोग किया गया था। भारत के चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ इस टूर्नामेंट में विश्व कप इतिहास की पहली हैट्रिक ली थी। ऑस्ट्रेलिया के डेविड बून को उनके शानदार प्रदर्शन (कुल 447 रन) के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया था। यह विश्व कप क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि इसने साबित कर दिया कि इंग्लैंड के बाहर भी इतने बड़े टूर्नामेंट का सफल आयोजन किया जा सकता

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